प्रदेश में कचरे के निष्पादन के लिये नगरीय निकायों को किया जा रहा है प्रोत्साहित

भोपाल में बेकार कपड़े को रिसायकल करके उच्च गुणवत्ता का तैयार किया जा रहा है फाइबर
पीपीपी मॉडल पर तैयार किया गया है अत्याधुनिक प्लांट

भोपाल 
नगरीय विकास एवं आवास विभाग नगरीय निकायों को कचरे के उचित निष्पादन के लिये लगातार प्रोत्साहित कर रहा है। प्रदेश के अनेक नगरीय निकायों ने इस दिशा में अभिनव पहल भी की है। इसके बेहतर परिणाम सामने आ रहे हैं। भोपाल नगर निगम ने कपड़े के रूप में अपशिष्ट प्रबंधन के लिये पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी मॉडल) टेक्सटाइल रिकवरी फेसिलिटी (टीआरएफ) सेंटर स्थापित किया है। यह पहल वस्त्र अपशिष्ट प्रबंधन और पुनर्चक्रण (रिसायकल) को बढ़ावा देने दी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

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नगर निगम भोपाल की इस परियोजना का संपूर्ण खर्च कंपनी द्वारा वहन किया गया है और लगभग 2 करोड़ रूपये की लागत से यह अत्याधुनिक प्लांट तैयार किया गया है। निगम को इसके एवज में प्रति माह 22 हजार रूपये की रायल्टी प्राप्त होगी। यह टीआरएफ यूनिट प्रति घंटा एक टन बेकार कपड़ा अपशिष्ट प्रोसेस करने की क्षमता रखता है। इस यूनिट में एकत्रित पुराने कपड़ों को छटाई और 7-स्टेज डीथ्रेडिंग यूनिट की आधुनिक प्रक्रिया से गुजार कर उच्च गुणवत्ता का कॉटन और फाइबर तैयार किया जा रहा है। इस प्लांट के सॉफ्ट टायज, किक बैग्स, क्रिकेट पैड्स, रंगीन कॉटन, सफेद कॉटन और पॉलीएस्टर फाइबर जैसे उपयोगी उत्पाद तैयार किये जा रहे हैं। इससे न केवल राजधानी भोपाल में केवल कपड़ा अपशिष्ट का पुन: उपयोग संभव हुआ है, बल्कि अनेक लोगों को रोजगार भी मिल रहा है।

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पर्यावरण संरक्षण
फाइबर सायकल टेक्सटाइल प्राइवेट लिमिटेड की यह पहल पर्यावरण संरक्षण और सतत विकास की दिशा में एक बड़ा कदम है। यह परियोजना भोपाल को स्वच्छ और हरित शहर बनाने में अहम भूमिका निभा रही है। यह यूनिट प्रदेश के अन्य नगरों के लिये भी एक प्रेरक मॉडल बन गयी है। इस इकाई की कुल क्षमता 10 टन प्रति दिन है। भोपाल नगर निगम महापौर श्रीमती मालती राय ने भी इकाई का दौरा कर इसकी कार्यप्रणाली की जानकारी प्राप्त की है। इस इकाई को नगर निगम ने सिर्फ जमीन उपलब्ध कराई है। सारा निवेश कंपनी की तरफ से किया गया है।

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